ये हादसों का दौर है ये हादसों का दौर। गर ना हो जीवन में तो हादसों से,सबक लेगा कौन? ये हादसों का दौर है ये हादसों का दौर। गर ना हो जीवन में तो हादसों से,सब...
सिर्फ मतलबों के रिश्तेदार बनाये हमने हर बार अपनों ने ही नीचा दिखाया हम को। सिर्फ मतलबों के रिश्तेदार बनाये हमने हर बार अपनों ने ही नीचा दिखाया हम को।
यह कैसा दौर है न कहीं जाना है न ही कमाना है । यह कैसा दौर है न कहीं जाना है न ही कमाना है ।
बस तुझे ही चाहा और तेरे ही नाम हुई मैं। बस तुझे ही चाहा और तेरे ही नाम हुई मैं।
हमारे खट्टे-मीठे लम्हों को अपने, सीने से लपेटे रहती है, एल्बम हमारे खट्टे-मीठे लम्हों को अपने, सीने से लपेटे रहती है, एल्बम
ये बात उनको इस कलयुग में समझाना मुश्किल है। ये बात उनको इस कलयुग में समझाना मुश्किल है।